ताकि मिलती रहे सही, सटीक और जरूरी खबर: पुलिस-प्रशासन के सख्त निर्देश, लॉकडाउन में मीडियाकर्मियों और वितरकों को न रोकें
लॉकडाउन के बीच शासन के निर्देश पर प्रशासन ने कुछ जरूरी सेवाएं बहाल की है। प्रशासन ने जहां दूध-सब्जी और किराना के सामानों की डोर-टू-डोर व्यवस्था शुरू कराई है वहीं मीडियाकर्मियों व वितरकों को भी प्रतिबंध से मुक्त रखा है। डीएम व एसएसपी का कहना है कि सुबह समाचार पत्र बांटने निकलने वाले वितरकों को कहीं भी पुलिस कर्मियों द्वारा न रोका जाए। डीएम ने कहा कि ऐसा करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गुरुवार को डीएम के. विजयेंद्र पांडियन और एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता तक इस बात की शिकायत पहुंची कि सुबह समाचार पत्र वितरित करने निकले वितरकों को पुलिस कर्मियों द्वारा परेशान किया जा रहा है। इससे समाचार पत्र की आपूर्ति बाधित हो रही है और सूचनाएं लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है। डीएम व एसएसपी ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया है। डीएम ने स्पष्ट तौर कहा कि समाचार पत्र वितरकों को अखबार वितरण से न रोका जाए। उन्होंने यह जरूर कहा कि वितरकों को समाचार पत्र संस्थान की ओर से जारी पत्र ही मान्य किए जाएं। डीएम ने कहा कि जनता तक शासन-प्रशासन की बातें और समाज में घट रही घटनाओं को पहुंचाने के लिए समाचार पत्र सशक्त माध्यम हैं। ऐसे में इसका प्रकाशन और वितरण सामान्य रूप से चलता रहेगा।
डीएम व एसएसपी ने स्पष्ट तौर पर यह भी कहा कि समाचार पत्र वितरकों को न रोकने के लिए निर्देश सभी थानेदारों व चौकी प्रभारियों को दे दिए गए हैं। यदि कोई पुलिसकर्मी मीडियाकर्मियों व समाचार पत्र वितरकों के साथ दुर्व्यवहार करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कहा कि मीडियाकर्मी व समाचार पत्र वितरक समाचार पत्र संस्थानों से जारी पत्र अपने पास जरूर रखें। दोनों अधिकारियों ने कहा कि समचार पत्र वितरक निश्चिंत होकर समय से अपना कार्य जारी रखें। उन्हें परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
छह सेंटरों से होता है वितरण: एसएसपी ने पुलिसकर्मियों को वायरलेस सेट पर ही बताया कि शहर में बक्शीपुर, रेलवे स्टेशन, असुरन, कूड़ाघाट और गोरखनाथ अखबार वितरण केंद्र हैं। सुबह जब वेंडर घर से निकलते हैं तो वे साइकिल या बाइक से होते हैं। अगर वे खुद को वेंडर बताते हैं तो उन्हें सेंटर तक जाने दें। जब वे अखबार बांट कर लौटते हैं तब भी खाली हाथ ही होते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें कहीं कोई परेशानी न होने पाए। अगर कोई वेंडर बताकर इस सुविधा का लाभ लेना चाहता है तो उसकी जांच जरूर कर लें।
मंडल के सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि समाचार पत्र लेकर जा रहे वाहनों को कहीं रोका न जाए। यही नहीं, सुबह समाचार पत्र बांटने निकले वितरकों को भी न रोका-टोका जाए। यदि इनकी कहीं भीड़ लगती है तो वहां इन्हें सलाह देकर दूर किया जाए। - राजेश डी मोडक, डीआईजी, गोरखपुर समाचार पत्र वितरण जरूरी सेवाओं में से एक है। पुलिस कर्मियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे कहीं भी किसी समाचार पत्र वितरक अथवा मीडियाकर्मी को न रोकें और न ही बेवजह परेशान करें। ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। - के. विजयेंद्र पांडियन, डीएम, गोरखपुर समाचार पत्र वितरण पर रोक नहीं है। समाचार पत्र वितरण कर रहे लोगों को कोई भी पुलिसकर्मी परेशान नहीं करेगा। इसकी जानकारी सभी थानेदारों और चौकी प्रभारियों को दे दी गई है। समाचार पत्र वितरकों को अपनी और दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। - डॉ. सुनील गुप्ता, एसएसपी, गोरखपुर